नई दिल्ली: कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर के शेयरों में लगातार तीसरे दिन अपर सर्किट लगा है। कंपनी ने बुधवार को बताया कि उसने अपनी सब्सिडियरी रही कंपनी विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर के लिए गारंटर के तौर पर 3,872 करोड़ रुपये की पूरी देनदारी चुका दी है। विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर के पास नागपुर के बुटीबोरी में 600 मेगावाट का पावर प्लांट है। अडानी ग्रुप की नजर इसी पावर प्लांट पर है। मुंबई को बिजली सप्लाई में इस प्लांट की अहम भूमिका है। अब रिलायंस पावर के कर्ज चुकाने से इस डील की बड़ी बाधा दूर हो गई है।
इससे पहले खबर आई थी कि अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पावर ने बुटीबोरी प्लांट को खरीदने के लिए सीएफएम एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ बातचीत शुरू कर दी है। सीएफएम ने बुटीबोरी प्रोजेक्ट का सारा लोन 1,265 करोड़ रुपये में खरीद लिया था। अडानी ग्रुप देश का सबसे बड़ा प्राइवेट थर्मल पावर प्रॉड्यूसर है। उसकी नजर बुटीबोरी प्लांट पर है। माना जा रहा है कि यह डील 2,400 से 3,000 करोड़ रुपये में हो सकती है। देश में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है और अडानी ग्रुप इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहता है। इस डील के पूरे होने के बाद गौतम अडानी पावर सेक्टर में अपनी पकड़ और मजबूत कर लेंगे।
क्यों जरूरी है प्रोजेक्ट
बुटीबोरी प्लांट में 300-300 मेगावाट की दो यूनिट हैं लेकिन कोयले आपूर्ति नहीं होने के कारण दोनों यूनिट बंद पड़ी हैं। अगर यह प्लांट अडानी के पास जाता है तो इससे उत्पादन शुरू हो सकता है। अडानी ग्रुप के पास नागपुर से करीब 125 किमी दूर तिरोदा में 3.3 गीगावाट का कोयला आधारित सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट है। ग्रुप की योजना तिरोदा प्लांट को बुटीबोरी प्रोजेक्ट से जोड़ने की है। 2019 तक बुटीबोरी प्रोजेक्ट मुंबई में बिजली सप्लाई का अहम सप्लायर था। सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाली जेएसडब्ल्यू एनर्जी लिमिटेड ने शुरू में इस प्रोजेक्ट में रुचि दिखाई थी। लेकिन वैल्यूएशन और ऑपरेशनल संबंधी मुद्दों के कारण उसने हाथ पीछे खींच लिए।
- Reliance Home Finance share price: अनिल अंबानी की ज्यादातर कंपनी के शेयर में आज बंपर तेजी देखी गई। अनिल अंबानी की हाउसिंग फाइनेंस से जुड़ी कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के शेयर आज बुधवार को 5% तक चढ़ गए।