
rashifal:
मेष
मेष राशि चिन्ह
राशि चक्र की पहली राशि मेष है, जिसकी वजह से इस राशि के जातक शिशु की तरह मासूम होते हैं। इस राशि का चिन्ह “मेढ़ा” होता हैं, जो बेहद निडर और साहसी होता है। ये लोग अपना जीवन अपनी शर्तों पर जीते हैं और अपनी विचारधारा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहते हैं।
राशि चक्र का यह पहला बिन्दु हर वर्ष लगभग 50 सेकेण्ड की गति से पीछे खिसकता जाता है। इस बिन्दु की बक्र गति ने ज्योतिषीय गणना में दो प्रकार की पद्धतियों को जन्म दिया है। इस बिन्दु को स्थिर मानकर भारतीय ज्योतिषी अपनी गणना करते हैं। जिसे निरयण पद्धति कहा जाता है और पश्चिम के ज्योतिषी इसमे अयनांश जोडकर ‘सायन’ पद्धति अपनाते हैं लेकिन हमें भारतीय ज्योतिष के आधार पर ही गणना करनी चाहिये।
मेष राशि पूर्व दिशा की द्योतक है, और इसका स्वामी ’मंगल’ ग्रह होता है। मेष राशि चिह्न के तहत इस राशि में जन्में जातक जीवन की नई उर्जा से भरे हुए होते हैं। ये लोग आवेगी और आत्मकेन्द्रित होते हैं।
मेष- शारीरिक बनावट
- मेष राशि के जातक मध्यम कद के होते हैं।
- ये लोग हमेशा चौकस बने रहते हैं इसीलिए अगर आप इस राशि के जातक को ध्यान से देखें तो इनकी भौंहें हमेशा ऊपर चढ़ी रहती हैं। हर कार्य में इनका ध्यान सतर्कता पर पहले रहता है।
- इस राशि के जातकों के हाथों की बनावट कोन के आकार जैसी होती हैं और इनकी उंगलियों की अपेक्षा हथेली बड़ी होती है।
- इनका मस्तिष्क विशाल और चेहरे की आकृति विद्वत्तासूचक होती है।
- ऐसे लोगों के सिर के किसी भी भाग पर चोट का निशान होता है और छाती या चेहरे पर तिल या मस्से का चिह्न भी रहता है।
- मेष राशि के लोग सफाई पसंद होते हैं। वे हर काम को साफ-सुथरे ढंग से करना पसंद करते हैं।
- इन जातकों की आंखें कमजोर रहती हैं।
- इस राशि का प्रभाव मस्तिष्क पर रहने की वजह से इन लोगों को मानसिक शांति कम रहती है।
मेष- व्यक्तित्व
- मेष राशि के जातक स्पष्टवादी, सीधा और नेतृत्व करने की भावना रखने वाले होते हैं।
- मेष राशि के लोगों का स्वभाव उदार होता है।
- मेष राशि का व्यक्ति उत्तेजना के साथ शीघ्र कार्य करने वाला होता है। ऐसा इसीलिए होता है क्यूंकि मेष का स्वामी ग्रह ‘मंगल’ है, जो अग्नि तत्व प्रधान है।
- मेष राशि का जातक स्वतंत्र विचारों तथा मौलिकता का समर्थक होता है।
- इस राशि का व्यक्ति स्वभाव से प्रेमी होता है। उसे स्वार्थ से घृणा होती है।
- मेष राशि के व्यक्ति में अपने सहयोगियों से काम लेने की अद्भुत क्षमता होती है।
- इस राशि से जुड़े लोग हमेशा चौकस बने रहते हैं। हर कार्य में इनका ध्यान सतर्कता पर पहले रहता है।
- मेष राशि वाले कुछ व्यक्ति जिद्दी स्वभाव के भी होते हैं। ये लोग तब तक अपनी गलती नहीं मानते, जब तक उन्हें किसी तरह का भारी नुकसान नहीं उठाना पड़ जाए।
- मेष राशि के जातकों की कल्पना तथा निरीक्षण शक्ति अच्छी होती है।
- मेष राशि में “सूर्य” बलवान होता है। और यदि इस राशि में “गुरु” स्थित हो तो शुभ फल की प्राप्ति होती है।
मेष- रुचियाँ/शौक
मेष राशि के लोगों की वैसे क्षेत्रों में अधिक रूचि होती है, जिनमें आसानी से धन मिल सकता हो जैसे- लॉटरी, जुआ आदि।इस राशि के जातक का अनुमान जुआ, लॉटरी और घुड़दौड़ जैसी चीज़ों में बहुत सटीक बैठता है और अधिकांश तौर पर ये लोग जीतते भी हैं। मेष राशि वाले उन क्षेत्रों में रुचि लेते हैं, जिसमें वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सके। ऐसे लोगों का नृत्य, अभिनय आदि जैसे क्षेत्रों में अधिक झुकाव रहता है। कपड़े, फर्निचर और पुस्तकालय आदि कार्यों में भी ये लोग खासा रूचि रखते हैं।
मेष- कमियां
- मेष राशि के जातक को स्वयं के गुप्त भेदों के प्रकट हो जाने का डर रहता है।
- इस राशि के लोगों को जल्दी क्रोध आ जाता है और ऐसे लोग अपमान सहन नहीं कर सकते हैं।
- मेष राशि का व्यक्ति चर्चा के दौरान जोश बहुत जोश दिखाता है।
- परिवार में अक्सर किसी एक व्यक्ति से इनकी खटपट चला करती है।
- मेष राशि वाले कुछ व्यक्ति जिद्दी स्वभाव के भी होते हैं। ये लोग तब तक अपनी गलती नहीं मानते, जब तक उन्हें किसी तरह का भारी नुकसान नहीं उठाना पड़ जाए।
- यदि मेष राशि में “शनि” स्थित हो तो यह अशुभ फल देता है। ऐसे लोग जिनका भला करते हैं, वही इनकी परेशानियों का कारण बनता है।
- इस राशि वाले पुरुष में एक विशिष्ट गुण होता है कि यदि ये लोग एक बार किसी के हो जाते हैं, तो उन्हें अपना सब कुछ दे बैठते हैं। अपने इस व्यवहार के कारण उन्हें अक्सर हानि उठानी पड़ जाती है।
- मेष राशि वाला व्यक्ति प्रेम के विषय में दूसरों को मूर्ख बनाता है।
- इस राशि वाले जातकों को अपनी मनोकांक्षा पूरी करने के लिए- ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः’- मंत्र का 10000 जाप करना चाहिए ।
मेष- शिक्षा एवं व्यवसाय
मेष राशि के अधिकांशतः जातक शिक्षित होते हैं। चूंकि मेष का संबंध मस्तिष्क से होता है इसीलिए ये लोग शिक्षा के क्षेत्र में काफी सफल होते हैं। इस राशि के जातक मेडीकल, इन्जीनियरिंग, राजनीति शास्त्र, रसायन शास्त्र जैसे विषयों का चुनाव करें तो उन्हें विशेष सफलता प्राप्त होती है।
मेष राशि के लोग यदि विद्युत, खनिज, कोयला, खनिज तेल, सीमेंट, मेडिकल स्टोर, आतिशबाजी, जमीन-जायदाद, पहलवानी, खेल-कूद, रंग-व्यवसाय, घड़ियां, कैमिस्ट, रेडियो, तम्बाकू आदि जैसे क्षेत्रों में व्यवसाय करते हैं तो वे अधिक मुनाफ़ा प्राप्त कर उस व्यवसाय को सफलतापूर्ण चला सकते हैं। मेष राशि के जातक व्यवसाय में साझीदारी कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वाले लोगों के साथ कर सकते हैं। इस राशि की स्त्रियां भी व्यवसाय के क्षेत्र में काफी सफलता प्राप्त करती हैं।
वृष
वृष- राशि चिन्ह
वृषभ राशि चक्र की दूसरी राशि है जिसका राशि चिन्ह ’बैल’ होता है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि बैल स्वभाव से बहुत पारिश्रमी और वीर्यवान होता है, लेकिन साधारण तौर पर वह शांत रहता है, लेकिन यदि इसे क्रोध आ जाये तो यह उग्र रूप धारण कर लेता है। यही स्वभाव वृषभ राशि के लोगों में भी देखने को मिलता है। वॄष राशि का विस्तार राशि चक्र के 30 अंश से 60 अंश के बीच मिलता है। इस राशि का स्वामी ग्रह “शुक्र” है।
वृष- शारीरिक बनावट
- वृष राशि के जातकों का चेहरा खुशनुमा और भरा हुआ होता है। इनकी त्वचा बहुत कोमल होती हैं।
- इस राशि के जातक के होंठ खूबसूरत होते हैं।
- इनके चेहरे का आकार अण्डाकार होता हैं।
- इनकी नाक गोल और उपर की तरफ उठी हुई होती है।
- इस राशि के लोगो का रंग साफ़ होता है।
- अगर बालों की बात करें तो इनके बाल घने और चमकीले होते हैं।
- इस राशि के लोगों का शरीर अनुपात में होता है।
- इनका कपड़ो का चुनाव बेहतरीन होता है।
- ये बहुत सलीकेदार होते हैं और इनका ध्यान इस बात पर होता है कि ये कैसे दिख रहें हैं।
- वृष राशि वालों के हाथ की बनावट चौकोर आकार की होती है। वृष राशि वाले लोगों के पास बोलने की असाधारण क्षमता होती है।
- इस राशि का व्यक्ति यदि शरीर से दुर्बल हों, तो उसे पौष्टिक अन्न ज्यादा खाना चाहिए तथा चर्बी युक्त पदार्थ का सेवन कम करना चाहिए।
- इस राशि से जुड़े जिन व्यक्तियों के हाथ की अंगुली अथवा गाल पर तिल होता है, उनके पास पैसा की बचत बिलकुल नहीं हो पाती है।
वृष- व्यक्तित्व
वृषभ राशि के व्यक्ति शांतिप्रेमी होते हैं। जब उन्हें लगता है कि समस्या का कोई समाधान नहीं मिल पा रहा है, तब वह इतने ज्यादा गतिशील हो जाते हैं कि उस समस्या का हल ढूंढकर ही रहते हैं। इस राशि के लोग संगीत की शक्ति से संपन्न होते हैं। इस राशि के जातक अपनी वाणी से एक समय पर सैकड़ों लोगों को प्रभावित और आकर्षित कर सकते हैं। वृष राशि के लोगों को सौदेबाजी करना पसंद होता है। इस राशि के जातक बाहर से जितने कठोर दिखाई देते हैं, भीतर से उतने ही नरम होते हैं।
वृषभ राशि वाले व्यक्ति कलाप्रिय, दृढ़, दयालु प्रकृति, साथ ही परिवर्तन-प्रिय भी होते हैं। इस राशि के लोग चतुर होते हैं और अपनी विचारधारा और योजना का किसी को भी सुराग तक लगने नहीं देते हैं। ये लोग जब किसी काम में लगते हैं, तो सभी कामों को छोड़कर पहले उसे ही पूरा करने में लग जाते हैं। वृष राशि के लोग प्रयत्न और परिश्रम को विशेष महत्व देते हैं।
इन्हें मिथ्यावादी अथवा घमंडी प्रकृति के लोग बिलकुल पसंद नहीं होते। यह अपमान को सहन नहीं कर पाते। ऐसे व्यक्ति अनुमान के बड़े पक्के होते हैं। उनकी गणनाएं एकदम सटीक होती हैं। वृष राशि के जातक को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता।
वृष- रुचियाँ/शौक
वृषभ राशि के जातको को ज्योतिष शास्त्र से जुडी पुस्तकें पढ़ना, खेल-कूद, नृत्य, गायन, सत्संगति, अच्छी चीजों को संगृहीत करना, कथा-कीर्तन, आदि जैसी चीज़ों में से किसी एक बात में काफी दिलचस्पी रहती है। वृष राशि के पुरुष को खेल का और वृष राशि की स्त्री को वस्त्रों का काफी शौक रहता है। वृष राशि का मनुष्य नयी जानकारियां और विविध घटनाओं तथा स्थानों के वर्णन में रुचि रखता है। ये लोग पाक कला में भी अच्छे होते हैं।
वृष- कमियां
- वृष राशि वालों को डराना या धमकाना अपने लिए संकट को आमंत्रित करने जैसा है। कभी-कभी ये लोग क्रोध में आकर सीमाओं को भी पार कर देते हैं। ये स्वयं झगड़ा नहीं करते हैं, परन्तु कोई इनसे जानबुझ कर झगड़ा करे है तो वह उसे पर्याप्त दंड दिए बिना नहीं छोड़ते।
- इस राशि के लोग जिद्दी होते हैं।
- इस राशि वाले लोग स्वभाव से अत्यंत आलसी होते हैं और अपना सामान व्यवस्थित नहीं रखते हैं। इनमें अपना सामान फ़ैला कर रखने की गन्दी आदत होती हैं।
- वृष राशि के व्यक्ति अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक रूढ़िवादी होते हैं।
- चटोरापन इनकी आदत होती है, भोजन के मामले में ये संयम नहीं रख पाते हैं।
- इस राशि वाले व्यक्तियों में खुद को महान समझने की भावना होती है। वह किसी भी सफल या उनसे ज्यादा खुश व्यक्ति को देख कर ईर्ष्या नहीं करते, पर खुद वैसी ही सफलता पाने के लिए लालायित हो उठते हैं।
- इन कमियों को दूर करने के लिए हिन्दू पद्धति में वृष राशि के जातकों के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं -जैसे संकष्टी चतुर्थी, प्रदोष, रामायण पाठ, गायत्री जाप या फिर मंगलवार का उपवास करना चाहिए।
- इनके लिए शुक्रवार का व्रत और शिव उपासना भी शुभ फलदायि होता है।
- इस राशि वाले जातकों को अपनी मनोकांक्षा पूरी करने के लिए – ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः शुक्राय नमः’- मंत्र का 16000 जाप करना चाहिए ।
वृष- आर्थिक पक्ष
इस राशि का मनुष्य मेहनत से धन और भू-संपत्ति का स्वामी बनता है। इनके पास पैसे की बचत नहीं हो पाती। ये जितना कमाते हैं, उतना ही खर्च भी करते हैं। इस राशि के जातक धन संबंधी योजना बनाने में कुशल होते हैं। वृष राशि वाले लोग सक्रिय रहने पर धनाभाव नहीं आने देते। ये आय और व्यय के प्रति भी सतर्कता बनाये रखते हैं।
अगर वृष राशि के जातक अपने सभी बिलों का भुगतान समय पर करें तो वे कुछ पैसों की बचत कर सकते हैं। ये लोग पैसे से प्यार करते हैं और उसे ज्यादा कमाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
वृष- शिक्षा एवं व्यवसाय
वृष राशि के जातक मेहनती और लगनशील होते हैं। ऐसे लोग काम में विश्वसनीय, मेहनती, धैर्यवान और पूर्ण होते हैं। इस राशि के लिए बेहतरीन व्यवसायों में कृषि, बैंकिंग, चिकित्सा, शिक्षा और निर्माण शामिल हैं। वृष राशि के लोग वफादार, भरोसेमंद और मेहनती कार्यकर्ता होते हैं। ये बहुत व्यावहारिक और धरती से जुड़े इंसान होते हैं और इन्हे कल्पना की उड़ाने भरना बिलकुल भी पसंद नहीं होता है। वृष राशि के लोग जीवन में विशेष उन्नति और सम्मान के अधिकारी बनते हैं। भूमि संबंधी कार्यों में भी इन्हें सफलता मिलती है।
जब इन्हें जिम्मेदारी दे दी जाती हैं तो वृष राशि वाले उसे पूरी शिद्दत से निभाते हैं और काम पूरा करने में अपनी जी-जान लगा देते हैं। वृष राशि के जातकों की महत्वकांक्षा बहुत ऊँची नहीं होती है लेकिन ये अपनी कड़ी मेहनत एवं लगन की बदौलत शिखर को छू पाते हैं। वृष के लिए सबसे उपयुक्त व्यवसायों में बैंकिंग, प्रदर्शन कला, या उस तरह का कैरियर जिसमें एक ही दिमाग हो तो फ़िर ये धैर्य के साथ कार्यभार संभालते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं।
मिथुन
मिथुन- राशि चिन्ह
मिथुन, राशि चक्र का तीसरा ज्योतिषीय चिह्न है। इस राशि का प्रतिक चिन्ह जुड़ुवा होता है जो यह दर्शाता है कि ये जातक आकर्षक और दोस्ताना होते हैं। यह राशि राशि चक्र का 60-90 डिग्री होता है। इस राशि का स्वामी ग्रह “बुध” हैं। बुध को वाणी और बुद्धि का कारक माना जाता है इसीलिए मिथुन लग्न में जन्म लिए जातक बुद्धिमान और वाक्पटु होते हैं। इस राशि के जातक बहुत अधिक बोलते हैं। जब चंद्रमा मिथुन राशि पर चलता है, तो उस समय पैदा हुए व्यक्ति की राशि मिथुन होती है। जुड़वां इनका प्रतीक चिन्ह है अत: इन लोगों का दोहरा व्यवहार भी देखने को मिलता है।
मिथुन- शारीरिक बनावट
- मिथुन राशि के जातक का कद औसत से ऊँचा होता है।
- इनका शरीर छरहरा और रंग हल्का दबा हुआ होता है।
- इस राशि के जातक की आँखें तेज़, बाल हलके, नाक पतली, ठोढ़ी नुकिली और बाहें लम्बी होती हैं।
- इन लोगों कि अभिव्यक्ति यह बता देती हैं कि स्थिति इनके नियंत्रण में और आरामदायक है।
- इस राशि के लोग मुखर हो कर बोलते हैं।
- मेष राशि के लोगों की मांसपेशियां कोमल और पतली होती हैं। इनके हाथ-पैर मॉडल की तरह लंबे होते हैं।
- इन लोगों कि उपस्थिति सुंदरता एवं तेज़ी प्रदान करती हैं। ये लोग नियंत्रित और शांतचित्त शैली में रहना पसंद करते हैं।
- मिथुन राशि वाले व्यक्तियों के हाथ की बनावट त्रिकोणाकृति होती है।
- इस राशि वाली स्त्री अपने हाथ के संकेत मात्र से ही किसी पुरुष को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता रखती हैं।
- इन लोगों के चेहरे पर तिल का निशान होता है या पेट, कान और हाथ पर तिल या फिर मस्सा जन्म से ही रहता है।
मिथुन- व्यक्तित्व
यह राशि चंचल प्रकृति वाली होती है, जिनमें उत्सुकता, प्रश्नेच्छा और भ्रमणशीलता का आधिपत्य देखने को मिलता है। मिथुन राशि के व्यक्ति अस्थिर स्वभाव के लेकिन आकर्षक व्यक्तित्व एवं चरित्र के होते हैं। उन्हें हर दिन नए परिवर्तन, भ्रमण और विविधता प्रिय होती है।मिथुन राशि के जातक बेहद हाजिर जवाब और फ़ुर्तीले होते हैं। इन लोगों की जिज्ञासु प्रवृत्ति और चतुराई इनको सामाजिक समारोहों और किसी भी पार्टी में आकर्षण का केन्द्र बना देती हैं। ये लोग न केवल अच्छे वक्ता होते हैं बल्कि अच्छे श्रोता भी होते हैं।
मिथुन राशि के व्यक्ति राजनीति में चतुर होते हैं। ये दयावान, दृढ़ संकल्पी और धार्मिक रहते हैं। आध्यात्मिक तत्वों की मदद से आत्मोन्नति की ओर ये विशेष ध्यान लगाते हैं। इस राशि के लोग सबके साथ एक समान व्यवहार रखते हैं। ये बेहद ईमानदार, सभ्य, चरित्रवान और सहनशील भी होते हैं। इनका हर काम अच्छे से सोचने-विचार करने के बाद होता है। मिथुन राशि का व्यक्ति अगर एक बार किसी को वचन दे दे या किसी चीज़ की संकल्प ले तो वे उसे निभाते हैं। ये लोग अपने उत्तरदायित्व को अच्छी तरह से निभाना अपना फर्ज मानते हैं।
मिथुन राशि वाले लोगों को झूठ बोलने वालों और झूठी शान दिखने वालों से अकड़ने वालों से नफरत होती है। इनका प्रधान गुण स्वच्छता और व्यवस्था रहता है। ये लोग गंभीर-चिंतन नहीं कर पाते हैं। हर समय हंसते रहना और हर बात को मजाक में लेना इनका प्रमुख लक्षण है।
मिथुन राशि के व्यक्ति चंचल स्वभाव तथा कलात्मक रुचि वाले होते हैं। इस राशि के लोग दोहरा जीवन-यापन करते हैं। जिसकी वजह से दूसरे लोग इन्हें समझ नहीं पाते हैं। मिथुन राशि वाले परिस्थिति के अनुसार अपने व्यवहार को बदलते रहते हैं, इसीलिए इनके सच्चे रूप को पहचान पाना आसान नहीं होता है।
मिथुन राशि में जन्म लिए जातक बहुमुखी होते हैं। काम के विषय में इनका विचार सुलझा हुआ होता है। काम करने के अपने नए तरीकों के चलते ये बहुत ही जल्द किसी भी टीम का हिस्सा बन जाते हैं। इनके बातचीत करने का तरीका और खुला विचार इनकी सबसे बड़ी क्षमता होती है।
इस राशि के जातक में ध्यानाकर्षण का विशिष्ट गुण होता है। ये लोग अक्सर दूसरों को उत्साह और उपदेश देने लगते हैं, जिसकी वजह से उन्हें खुद उपहास का पात्र बनना पड़ता है। इन्हें जिन विषयों की जानकारी नहीं भी होती उनपर भी ये उचित रूप से बोला करते हैं। इस राशि के जातक विश्वास, आदर और प्रसिद्धि पाना चाहते हैं।
मिथुन- रुचियाँ/शौक
मिथुन राशि वालों को घूमना-फिरना, गायन, सिलाई करना, सिनेमा देखना, किताबें पढ़ना आदि जैसी कलात्मक चीज़ों का शौक रहता है। ये एक समय में बहुत कुछ जानने की इच्छा रखते हैं। इस राशि के जातक लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं, लेकिन वैसा होते ही इनकी रुचि उस व्यक्ति या वस्तु से समाप्त हो जाती है।
मिथुन- कमियां
- मिथुन राशि के लोग साहस-प्रिय नहीं होते हैं।
- इनको ढोंग और आडम्बर जैसी चीज़ें अधिक रुचिकर होते हैं।
- इस राशि के लोग किसी भी काम में तुरंत हाथ डाल देते हैं लेकिन खुद भ्रम में पड़कर काम को अधूरा छोड़ हाथ पीछे खींच लेते हैं।
- मिथुन राशि के व्यक्ति अधिक विश्वसनीय नहीं होते हैं। अपने अस्थिर और चंचल स्वभाव के कारण वे कब क्या कर बैठें, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।
- इन्हें एक समय में एक से अधिक प्रेम संबंध बनाने की इच्छा रहती है, जिसकी वजह से इनका सभी प्रेम असफल सिद्ध होता है।
- इस राशि के लोग अपने विपरीत लिंग की ओर अधिक रुझान रख विपत्तियों को खुद ही निमंत्रित किया करते हैं।
- मिथुन राशि के लोग अपना मूल्य नहीं आंकते और स्वयं को किसी के सामने भी समर्पित कर देते हैं।
- इस राशि के लोग सनक पैदा करने वाले होते हैं।
- इन कमियों को दूर करने के लिए हिन्दू पद्धति में मिथुन राशि के जातकों के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं- जैसे मंगल या शनिवार का उपवास रखें, मूंगा पहनें, संकष्टी चतुर्थी का व्रत करें या फिर सुंदर कांड का पाठ पढ़ें।
- अपनी कमियों से बचने और इनमें सुधर लाने के लिए इन्हें गायत्री जाप करना चाहिए या फिर अपने इष्ट देवता या गुरु की उपासना करनी चाहिए।
- इस राशि में राहु होने से राहु का फल हमेशा सबसे श्रेष्ठ ही मिलेगा।
मिथुन- आर्थिक पक्ष
मिथुन राशि के जातक विद्वान होने के बावजूद भी धन संपत्ति के मामले में कमजोर होते हैं, लेकिन मृत्यु के समय ये ऋण रहित स्थिति में होते हैं।
मिथुन- शिक्षा एवं व्यवसाय
मिथुन राशि के लोग यांत्रिकी विषयों में शिक्षा प्राप्त करें तो उन्हें अधिक सफलता मिलती है। मिथुन राशि वाला व्यक्ति केवल एक विषय का विशेषज्ञ नहीं होता, उसे अनेक विषयों पर थोड़ी-थोड़ी जानकारी होती है। इस राशि के जातकों को अलग-अलग विषयों का अध्ययन करना काफी पसंद होता है।
मिथुन राशि के लोगों के लिए वैसा कार्य जिससे इनकी बुद्धि प्रोत्साहित हो और नए लोगों से संवाद स्थापित करने की संभावना प्रदान करे, इनके लिए बहुत उपयुक्त रहेंगे। इस राशि के व्यक्तियों को विविधता, परिवर्तन, यात्रा और विचारों के आदान-प्रदान पसंद होता है। इनमें एक समय पर कई कार्य करने की क्षमता होती है।
मिथुन राशि के लोग व्यवसाय के बजाय केवल नौकरी में ही सफल हो सकते हैं। इसीलिए यदि ये व्यवसाय करें तो किसी के साथ साझीदारी के साथ करें या फिर अपने किसी परिजन के नाम से करें अन्यथा इन्हें मनचाही सफलता नहीं मिलती है।
कर्क
कर्क- राशि चिन्ह
कर्क राशि चक्र की यह चौथी राशि होती है जो कि उत्तर दिशा की द्योतक है। यह एक चर राशि है जिसका विस्तार राशि चक्र के 90 से 120 अंश के अन्दर पाया जाता है। इसका राशि चिन्ह केकड़ा होता है, इसीलिए भावुकता, चंचलता, संवेदनशीलता और शीतलता इनके अंदर कूट-कूट कर भरी होती है।
कर्क राशि का संबंध जल तत्व से होता है। इस राशि का स्वामी चंद्रमा है और चंद्रमा को मन का स्वामी माना गया है इसीलिए कर्क राशि वाला व्यक्ति दूसरे की मनोभावनाओं को बिना बताए भी जान सकता है। इसके अन्तर्गत पुनर्वसु नक्षत्र का अन्तिम चरण, पुष्य नक्षत्र के चारों चरण और अश्लेशा नक्षत्र के चारों चरण आते हैं।
कर्क- शारीरिक बनावट
- कर्क राशि में जन्में जातक साधरण तौर पर सामान्य कद के होते हैं।
- इस राशि वालों के हाथ की बनावट चपटी होती है।
- इनकी उंगुलियां मोटी और हथेली कोमल होती है और साथ ही हथेलियों का उभार बहुत उन्नत होता है।
- इस राशि के जातक के गले, बाजू या इंद्रियों पर तिल का निशान होता है।
- इनके सिर पर भी तिल या चोट का चिन्ह होता है।
कर्क- व्यक्तित्व
कर्क राशि के लोग बहुत दृढ़ होते हैं और साथ में दुर्बल भी। इनकी मनःस्थिति परिवर्तनशील होती है। कर्क राशि वाले जातक अपनी शर्तों पर चलते हुए सज्जनता और विनम्रता का प्रदर्शन करते हैं। कर्क राशि वाले लोग भावुक होते हैं और दूसरों के जीवन से बहुत मतलब रखते हैं। इस राशि के लोगों को अपने जन्म स्थान से बेहद मोह होता है, पर चंद्रमा की वजह से इन्हें स्थान परिवर्तन करते रहना पड़ता है।
इस राशि के जातको को मान-सम्मान और आदर की चाह रहती है। कर्क राशि के लोगों को मूर्ख बनाना आसान नहीं होता है। ये लोग व्यक्ति, वस्तु और परिस्थितियों से बंध जाया करते हैं। ये चाहे जितनी ही लंबी यात्राएं क्यों न कर लें, इनका मन अपने घर लौटने का करते रहता है। ये लोग पुराने चित्रों, ग्रंथों आदि में विशेष रुचि रखते हैं।
कर्क राशि के लोग यदि किसी योजना को शुरू करते हैं तो उसे पूरा होने तक उसे नहीं छोड़ते। इनके लिए दूसरों के विचारों को पढ़ लेना बहुत आसान होता है। उन्हें दिन-रात आवश्यकताओं की पूर्ति का अभाव चिंतित रखता है।
कर्क राशि वाले लोग एक अच्छे और विश्वसनीय साथी होते हैं। ये लोग बहुत जल्दी रो देते हैं। इस राशि के जातक अपने बहुत से कामों के लिए स्त्रियों पर आश्रित रहते हैं। इस राशि के लोगों को जुआ नहीं खेलना चाहिए। ये लोग हमेशा सज्जन और अच्छा बनने का प्रयास करते हैं। इन्हें किसी भी तरह के विवाद के लिए अदालत जाना अच्छा नहीं लगता है।
कर्क- रुचियाँ/शौक
कर्क राशि के जातको को दो अलग तरह की रुचियां या शौक हो सकती हैं। पहला शौक लोगों से जुड़ा हुआ है जिसमें दूसरों की मदद करना, दान देना, अलग-अलग समाजसेवी संस्थाओं से जुड़ना, जरूरतमंद लोगों को अपना समय देना, जैसे कार्य होते हैं। दूसरा शौक, उन कामों से जुड़ा होगा जो उन्हें खुद को ख़ुशी और सुकून देगा जिसमें तैराकी, घुड़सवारी, नाटक और फिल्में देखना जैसे कार्य होते हैं।
कर्क- कमियां
- कर्क राशि वाले व्यक्ति अपने अनुसार निर्माण कराने के लिए पुराने विचारों और मान्यताओं का त्याग कर सकते हैं।
- इस राशि के जातक विरोधाभासों के प्रतीक होते हैं।
- यदि इनका कोई साथी या फिर मित्र इनके अनुसार नहीं चलता तो ये उसकी उपेक्षा भी कर सकते हैं।
- कर्क राशि के लोग बहुत कठोर, बहुत विनम्र और बहुत दुर्बल होते हैं।
- चंद्रमा से जुड़े होने के कारण इनका मन थोड़ी-थोड़ी देर में बदलता रहता है।
- इस राशि के जातकों की कुछ असंभव इच्छाएं होती हैं। इनकी भावनाएं एक छोटे बालक के जैसी होती हैं जो मांग पूरी न होने पर निराश हो जाते हैं।
- इन कमियों को दूर करने के लिए हिन्दू पद्धति में कर्क राशि के जातकों के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं, जैसे- सोमवार का उपवास करना, सोलह सोमवार का व्रत या फिर सत्यनारायण, शिव दत्तात्रय या गणेश जी की पूजा लाभदायक रहेगी।
- अपनी कमियों से बचने और इन्हें सुधारने के लिए चंद्रमा का जाप भी उपयोगी रहेगा और कष्ट दूर रहेंगे।
- ऐसे लोगों को श्वेत वस्त्र, चांदी, घी, मोती, सफेद पुष्प, चावल, कपूर और सफेद वस्तुओं का दान करना लाभकारी है।
- मनोकांक्षा की पूर्ति के लिए ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः’ मंत्र का 11,000 जाप करना भी सहायक रहता है।
- अपने कमियों को खत्म करने के लिए कर्क राशि के जातकों को आलोचना, दूसरों की नकल, दिखावा आदि नहीं करना चाहिए।
कर्क- आर्थिक पक्ष
कर्क राशि के जातकों को पति या पत्नी की जायदाद और धन मिलने की संभावना होती है, लेकिन इसमें सफलता उन्हें अदालती करवाई के बाद ही मिलती है। इन्हें कभी-कभी यात्रा के बाद अपने व्यवसाय और धन की हानि उठानी पड़ती है। ये हानि इन्हें 14, 26 और 30 वर्ष की आयु में होने की संभावना होती है। कर्क राशि के लोग प्रकृति के अनुसार अन्तर्मुखी होते हैं और खुद के विचार और धन को किसी के सामने प्रकट नहीं करते। इनका मुख्य लक्षण असुरक्षा की भावना और धन संचय करने की इच्छा होती है। अपने धन को इस राशि के लोग कठिन समय के लिए बचा कर रखते हैं। इनके लिए पैसों का लेन-देन हानिकारक होता है।
कर्क- शिक्षा एवं व्यवसाय
कर्क राशि के जातक का चिकित्सा-शास्त्र से खास लगाव रहता है। दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र, अभिनय, नर्सिंग, कानून, इंजीनियरिंग, ज्योतिष, गणित, प्रबंधकीय विषय आदि क्षेत्रों में मुख्य रूप से शिक्षा ग्रहण करते हैं। कर्क राशि के व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखने के बाद यह बताया जा सकता है कि शिक्षा के किस क्षेत्र में वह अधिक सफलता प्राप्त करेगा।
कर्क राशि वाले जातक अपनी आजीविका का उपार्जन किसी वस्तु के व्यापार द्वारा कर सकते हैं। ये लोग मानसिक श्रम करने में अधिक विश्वास रखते हैं और इनकी कलात्मक कार्यों में अधिक रुचि रहती है। इस राशि के लोगों को उद्योग और व्यवसाय में विशेष सफलता मिलती है।
सिंह
सिंह- राशि चिन्ह
सिंह राशि चक्र की पाचवीं राशि होती है जो कि पूर्व दिशा की द्योतक है। इसका राशि चिन्ह शेर होता है। इस राशि का विस्तार राशि चक्र के 120 अंश से 150 अंश तक है। सिंह राशि का स्वामी सूर्य है और इस राशि का संबंध अग्नि तत्व है। इसके अन्तर्गत पूर्वा फ़ाल्गुनी के चारों चरण, मघा नक्षत्र के चारों चरण और उत्तरा फ़ाल्गुनी का पहला चरण आता है। यह बेहद शक्तिशाली है।
सिंह- शारीरिक बनावट
- सिंह राशि का कद लंबे पैरो की वजह से लंबा होता हैं |
- इनके हाथ छोटे होते हैं और उंगलियों की अपेक्षा हथेली थोड़ी बड़ी होती है।
- इस राशि के जातक का मस्तक उन्नत और माथा विशाल होता है।
- इनके गले, पेट या पैर पर तिल आदि का निशान देखने को मिलता है और बार-बार गिरने से इनकी हड्डियां कमजोर रहती हैं।
- सिंह राशि के जातको के नैन नक्श बहुत प्रभावशाली होते हैं। इनकी आँखों में एक अलग तरह का चमक होता है।
- इनके बाल लम्बे और घने होते हैं और नाक लम्बी होती है।
- इनके दांत कुछ ज्यादा अच्छे नहीं होते हैं।
- सिंह राशि वालों की आवाज़ गहरी और अच्छी होती हैं |
- वैसे तो इस राशि के जातक ज्यादातर शांत होते हैं लेकिन कभी-कभी ये भड़किले नजर आते हैं।
सिंह- व्यक्तित्व
सिंह राशि के लोगों को जीवन से प्रेम होता है। इनकी आवश्यकताएं सामान्य से कहीं अधिक होती है, साथ ही ये लोग अधिक खर्चीले भी होते हैं। इनके हाथों में पैसा बिलकुल नहीं टिकता है। इस राशि के लोगों का व्यक्तित्व बहुत आकर्षक होता है और ये खुद भी अपने व्यक्तित्व को अधिक आकर्षक बनाना चाहते हैं।
सिंह राशि वाले महत्वाकांक्षी, साफ़ चरित्र और लगनशील व्यक्ति होते हैं। ये अपने जीवन को पूरी शान के साथ जीने में विश्वास रखते हैं। लक्ष्य-प्राप्ति के लिए आत्म बलिदान, स्वतंत्रता और मौलिकता रखने की इच्छा इस राशि का प्रमुख गुण है। इनमें लोगों का सत्कार करने की एक अलग क्षमता होती है। सिंह राशि वाले जातक खुद खर्च कर दूसरों को प्रसन्न करने का काम करते हैं। इस राशि के व्यक्ति रचनात्मक और विचारों से संतुलित होते हैं।
इस राशि के लोग किसी भी उत्सव और समारोह आदि को सम्पन्न करने में अत्यन्त कुशल होते हैं। ये लोग ईमानदार लेकिन लड़ाकू होते हैं। सिंह राशि वालों में अनेक प्रतिभाओं के बीज होते हैं, लेकिन इन्हें केवल खुद से ही सुख और शान्ति की प्राप्ति होती है। इन लोगों के हृदय में किसी तरह के गुप्त घृणा और गुप्त पक्षपात का कोई स्थान नहीं मिलता है।
ये अपने भेदों या रहस्यों का उपयोग अपने फायदे के लिए करते हैं। सिंह राशि वाले लोगों को चहल-पहल में रहना पसंद होता है। ये अपने पास ढेर सारा धन चाहते हैं, जिसे ये खुले हाथों से खर्च करें। किसी संस्था के अध्यक्ष पद के लिए सिंह राशि के लोग सर्वोत्तम रहते हैं। यह दूसरों के आकर्षण के केन्द्र बने रहते हैं।
सिंह- रुचियाँ/शौक
सिंह राशि के जातको को सोना, सिनेमा देखना, वस्तुओं का संग्रह करना, अच्छे कपड़े पहनना, दिलपसंद भोजन करना, उपन्यास पढ़ना और विशेषज्ञों की बातों को सुनने का बहुत शौक रहता है। ये लोग खुली हवा में रहना पसंद करते हैं। इस राशि के जातकों को बिस्तर पर लेटकर पढ़ाई करना पसंद होता हैं। सिंह राशि के लोगों की रूचि अनेक क्षेत्रों में हो सकती है। आभूषण बनाने की कला, नृत्य, गृहसज्जा, खेलकूद और मंच से जुड़े कार्यों में इन्हें विशेष रुचि रहती है। इसके साथ ही इस राशि से जुड़े लोगों का सामाजिक मेल-जोल, शिल्पकला, चित्रकला, कांच की वस्तुएं एकत्र करना और अच्छी सुगंध वाले इत्रों की ओर भी झुकाव रहेगा। दरअसल ये लोग वही शौक अपनाते हैं, जिनसे इनके मन को आराम मिले।
सिंह- कमियां
- सिंह राशि का पुरुष स्वयं ही अपने लिए कष्टों का निर्माण करता है। ये लोग वर्तमान के बारे में कम और भूत एवं भविष्य के बारे में अधिक सोचते हैं।
- इस राशि के जातक शंकालु प्रवृत्ति के होते हैं
- सिंह राशि का स्वामी सूर्य होता है और सूर्य अग्नितत्व प्रधान ग्रह है, जिसकी वजह से इस राशि के जातक बात-बात पर अधिक क्रोध करते हैं।
- ईर्ष्या, लालच और हमेशा केन्द्र में रहने की भावना इस राशि के लोगों के दुर्गुण हैं।
- अपने प्रारम्भिक जीवन में सिंह राशि के लोगों को दूसरों पर विश्वास करने लगते हैं जिसके कारण इनको धोखा खाना पड़ता है।
- इस राशि के लोगो को प्रशंसा की भूख रहती है। प्रशंसा न मिलने पर ये प्रतिशोध तो नहीं लेते, लेकिन उदास जरूर हो जाते है।
- इन कमियों को दूर करने के लिए हिन्दू पद्धति में सिंह राशि के जातकों के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं, जैसे- गुरुवार का उपवास, राम, कृष्ण, हनुमान, शक्ति या गायत्री देवी में से किसी भी एक देवता की उपासना करें। एकादशी का व्रत और गणेश की उपासना भी अच्छी मानी गई है।
- अपने दुखों को दूर करने के लिए यदि सिंह राशि का जातक माणिक्य रत्न या बिल्व पत्र झाड़ की जड़ी अपने पास रखें तो उसके सारे दुःख दूर हो सकते हैं।
- इस राशि के जातक जिनकी शादी नहीं हो रही हो, उन्हें रविवार को उपवास करना चाहिए इससे उन्हें इच्छित फल मिलता है।
- सूर्य को जल तर्पण और रविवार का व्रत हमेशा लाभकारी है।
- गेहूं, गुड़, लाल पुष्प, लाल चन्दन, तांबा और लाल वस्तुओं का दान करना भी शुभ माना गया है।
- मनोकांक्षा की पूर्ति के लिए “ॐ ह्रा ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” मंत्र का 7,000 जाप करना भी सहायक रहता है।
सिंह- आर्थिक पक्ष
आर्थिक मामलों में सिंह राशि के जातक भाग्यशाली होते हैं। जब भी जरूरत हो इन्हें पर्याप्त धन मिल जाता है। इस राशि के लोग कर्ज लेने से डरते हैं और अगर कर्ज लेना भी पड़ जाये तो जल्दी ही पाई-पाई चूका देना चाहते हैं। पैसे देने के मामले में यदि इस राशि के जातक किसी को कर्ज दे दें तो इन्हें उधार दिया पैसा वापस नहीं मिलता। सिंह राशि का व्यक्ति धन आसानी से कमा लेता है लेकिन इनके लिए धन को बचाना कठिन होता है। ये लोग दुनियादारी की परवाह नहीं करते हैं और इन सब के प्रति बहुत लापरवाह होते हैं। इस राशि के व्यक्ति को भूलने की बीमारी होती है और याद नहीं रहने की वजह से इनकी चीजें गुम हो जाती हैं। इनके पास अपना वाहन होता है। ये लोग घर में कोई पशु या पक्षी जरूर पालते हैं।
सिंह- शिक्षा एवं व्यवसाय
सिंह राशि के जातक चिकित्सा-शास्त्र में शिशु रोग और हृदय रोग विशेषज्ञता, साहित्य, पत्रकारिता, राजनीति शास्त्र, ज्योतिष आदि में विशेष रुचि रखते हैं, इसीलिए इन क्षेत्रों में शिक्षा लेने पर सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसके अलावा सिंह राशि का कोई व्यक्ति शिक्षा के किस क्षेत्र में बहुत सफलता हासिल करेगा, इसका सही अंदाज़ा तो उस व्यक्ति की कुंडली के ग्रहों की स्थिति को देखने के बाद लगाया जा सकते है।
सिंह राशि वाला व्यक्ति अगर ईमानदारी से कोई भी काम करे तो वह अवश्य सफल होता है। इस राशि के लोगों को धातु और पत्थर संबंधी व्यवसाय में अच्छी सफलता मिलती है लेकिन इन लोगों को अपनी भावुकता को व्यवसाय से अलग रखना चाहिए। इस राशि के जातक अच्छे वकील बन सकते हैं। सिंह राशि से जुड़े वे व्यक्ति जो व्यवसाय या फिर नौकरी नहीं करते उन्हें कला की क्षेत्र में ध्यान देना पड़ता है और इसमें उन्हें सफलता भी प्राप्त होगी।
कन्या
कन्या- राशि चिन्ह
राशि चक्र की छठी राशि कन्या दक्षिण दिशा की द्योतक है। इसका राशि चिह्न हाथ में फ़ूल की डाली लिए एक कन्या है। इसका विस्तार राशि चक्र के 150 अंशों से 180 अंश तक है। कन्या राशि का स्वामी बुध है। इसके अन्तर्गत उत्तरा फ़ाल्गुनी नक्षत्र के दूसरा, तीसरा और चौथा चरण, चित्रा नक्षत्र के पहले दो चरण और हस्त नक्षत्र के चारों चरण आते हैं। इस राशि के लोग व्यवहार में संकोची एवं शर्मीले होते हैं।
कन्या राशि को पृथ्वी तत्व राशि की श्रेणी में रखा गया है। यह राशि द्वि-स्वभाव होती है। राशि का चिन्ह के अनुसार इसमें एक लड़की है जो मानवता को बताती है इसलिए इस राशि के जातक सदा दूसरों की सहायता के लिए तैयार रहते हैं और सामाजिक प्राणी होते हैं।
कन्या- शारीरिक बनावट
- कन्या राशि के जातक कद में औसत ऊंचाई के होते हैं।
- इस राशि के लोगों की त्वचा का रंग पीला, माथा ऊँचा, आँखें सुंदर और मुँह संवेदनशील होता है।
- इस राशि वालों के हाथ सुडौल और चौड़े होते हैं। इनका अंगूठा थोड़ा छोटा होता है और हथेली पर सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा ज़्यादा रेखाएं होती हैं।
- इनके सामने वाले दांतो के बीच में थोड़ा अंतर होता हैं और इनकी नाक के अंत में विभाजन होता हैं
- कन्या राशि वालों के पीठ, गले, कंधे या फिर गाल पर तिल का चिन्ह ज़रूर होता है।
- इस राशि के अंतर्गत आने वाले लोग गंभीर, विचारशील, मेहनती और सुंदर होते हैं।
- इन्हें दिखावे से घृणा होती है और ये बहुत ही बेचैन स्वभाव के होते हैं।
- अगर देखा जाये तो इस राशि के लोग नाजुक शरीर एवं लंबे हाथों वाले होते हैं।
कन्या- व्यक्तित्व
कन्या राशि का व्यक्ति बहुत रहस्मयी होता है। इस राशि वाले लोग बातें बनाने में निपुण होते हैं। ये लोग अपनी निश्चित योजना को पूरा करने में सफल रहते हैं और किसी के साथ स्थायी रूप से वचनबद्ध नहीं होते। यदि कोई व्यक्ति दयालु है तो यह चीज़ उन्हें उस व्यक्ति की ओर आकर्षित करती है। ये लोग आलोचक और विश्लेषक प्रकृति के होते हैं साथ ही निरंतर क्रियाशील बने रहते हैं। इस राशि का पुरुष खुद को योग्य समझने वाला, अपने स्तर को बनाए रखने वाला और धोखेबाजी से नफरत करने वाला होता है।
कन्या राशि वालों के व्यक्तित्व के दो पक्ष होते हैं। पहला वाहक और दूसरा प्रश्न एवं संदेहकर्ता। कन्या राशि वाले लोग किसी भी काम को मनमाने ढंग से करते हैं, इसीलिए इन्हें लोग कभी-कभी आलसी भी समझ लेते हैं। इनमें स्वाभिमान कूट-कूट कर भरा होता है। इस राशि का जातक प्रसिद्धि की इच्छा भी रखता है। इन लोगों का जीवन भीतर से अलग और बाहर से अलग होता है।
ये लोग अपने में विश्वास रखने वाली स्त्री की ओर बहुत जल्दी आकर्षित हो जाते हैं। कन्या राशि वाले लोग मिलनसार और सेवाभावी होते हैं। इस राशि के लोगों की स्मरण शक्ति अच्छी होती है। ये जातक स्वच्छता पसंद, सुरुचि वाले और रीतियों को मानने वाले होते हैं। इन्हें पराजित करना और उन्हें धोखा देना आसान नहीं होता है। ये लोग बहुत समझदार और ज्ञानी होते हैं और अपने ज्ञान के आधार पर जालसाजों और धोखेबाजों को एक नज़र में पहचान लेते हैं। इस राशि के व्यक्ति गुप्तचर विभाग में सम्मानित पदों पर होते हैं।
कन्या- रुचियाँ/शौक
कन्या राशि वाले जातकों को प्रकृति से लगाव होता है, इसीलिए इन्हें बागवानी करना और खूबसूरत पौधों की देखभाल करना बेहद पसंद होता है। इस राशि के लोगों को लेखन एवं पठन, हस्तशिल्प, सिक्के या डाक टिकट एकत्रित करना, चित्रकला, रसोईघर से जुड़ी वस्तुएं एकत्रित करना, खाना बनाना आदि जैसे शौक होते हैं।
कन्या- कमियां
- कन्या राशि वाले जातक बेहद स्वार्थी होते हैं।
- कभी-कभी ये दूसरों की सलाह को महत्व नहीं देते जिसकी वजह से इन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
- इस राशि के व्यक्तियों को दूसरों की खिल्ली उड़ाने में बहुत आनंद मिलता है, जिसकी वजह से अकसर इनके संबंध खराब हो जाते हैं। दूसरों की आलोचना के द्वारा ये अपने निकटवर्तियों से दूर होते चले जाते हैं।
- इनकी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहने की आदत कभी-कभी हास्यास्पद की स्थिति उत्पन्न कर देती है।
- ये लोग अपने उतावलेपन और जल्दबाज़ी के कारण अकसर मुसीबत में फंस जाते हैं।
- इन कमियों को दूर करने के लिए हिन्दू पद्धति में कन्या राशि के जातकों के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं, जैसे- राम, कृष्ण, गणेश, ओम या इष्ट देव का जाप करें, धन के लिए लक्ष्मी की उपासना करें, बुधवार का व्रत रखें।
- अपने दुखों को दूर करने के लिए यदि कन्या राशि का जातक बुधवार को मूंग, हरा वस्त्र, कपूर, फल-फूल और हरी वस्तुओं का दान करे तो यह इन्हें उत्तम फल देता है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ मंत्र का 9,000 बार जाप करें।
कन्या- आर्थिक पक्ष
कन्या राशि के लोग आर्थिक दृष्टि से बहुत सावधान होते हैं। इन लोगों की नज़र में धन का बहुत महत्व होता है इसीलिए ये लोग व्यर्थ खर्च करने से बचते हैं। आर्थिक पक्ष को सुदृढ़ करने के लिए मकानों और भूमि आदि में पूंजी लगाना इन लोगों के लिए फायदेमंद रहता है।
कन्या- शिक्षा एवं व्यवसाय
कन्या राशि के लोग शिक्षा के क्षेत्र में काफी रूचि रखते हैं, इसीलिए ये लोग इस क्षेत्र में बहुत प्रगति करते हैं। इस राशि के जातक बेहद परिश्रमी भी होते हैं जिसकी वजह से ये लोग जो भी विषय चुनते हैं उसमें इन्हें सफलता मिलती है। ये लोग वाणिज्य, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, पत्रकारिता, संगीत आदि जैसे विषयों में शिक्षा ग्रहण कर अधिक सफल हो सकते हैं। कन्या राशि वाले लोग एकाग्रचित्त भी होते हैं, अतः ये साहित्य का भी अध्ययन कर सकते हैं।
अगर व्यवसाय की बात करें तो कन्या राशि के लोग अच्छे प्रशासक न होकर अच्छे अनुगामी होते हैं इसीलिए इनमें खुद का व्यवसाय चलाने की योग्यता नहीं होती। यदि इस राशि का जातक व्यवसाय करना चाहता है तो उसे दूसरों के साथ सहभागी होकर ही व्यवसाय की शुरुआत करनी चाहिए। संभावना है कि अपने परिश्रमी स्वभाव, दृढ़ इच्छा-शक्ति और संकल्प की वजह से इनका व्यापार सफल हो जाए।
तुला
तुला- राशि चिन्ह
तुला राशि, राशि चक्र में सातवें स्थान पर आती हैं। यह राशि सबसे अलग मानी जाती हैं। इसका चिन्ह तराजू के जैसा है, जिसका अर्थ होता है सम्पूर्णता, सुन्दरता एवं संतुलन को समझने की क्षमता रखना। तुला राशी का स्वामी ग्रह “शुक्र” और इसका तत्व वायु होता है। इसका स्वामी ग्रह “शुक्र” होने के कारण इस राशि के लोग सुन्दर चीज़ों से प्रेम करते हैं। ये मात्रा से अधिक गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हैं।
तुला- शारीरिक बनावट
- तुला राशि के जातक औसत कद के होते हैं।
- इनका चेहरा अंडाकार होता है।
- इस राशि के लोग आकार में सामंजस्यपूर्ण एवं सुखद दिखने वाला होता हैं।
- इस राशि के लोगो की आँखें बेहद सुंदर बादाम के जैसी होती हैं, इनकी आँखें किनारे की ओर नुकीली होती हैं।
- इनकी ठोड़ी वी आकार की होती हैं। इस राशि के लोगों के गाल फूले हुए होते हैं जिसपर डिम्पल पड़ती है।
- इस राशि के लोगों की गर्दन हंस के जैसी लंबी और सुंदर होती है।
- अगर वज़न की बात करें तो मध्यम उम्र में इन्हें वजन बढ़ने की समस्या हो जाती है, जिसका कारण किशोरावस्था और युवावस्था के समय नियमित रूप से व्यायाम नहीं करना होता है।
- तुला राशि के व्यक्ति यदि कहीं मौजूद होते हैं तो उनकी उपस्थिति वहां शिष्टता, आकर्षण और करुणा को प्रदर्शित करती हैं।
तुला- व्यक्तित्व
राशि चक्र के मध्य में स्थित तुला राशि अपने चिह्न के अनुसार पूरी तरह से संतुलन का प्रदर्शन करता है। तुला राशि के जातकों को यह पता होता है कि जीवन का सच्चा अर्थ संतुलन ही हैं। इस राशि के लोग तर्कशील होते हैं और अपनी बुद्धिमत्ता से सिक्के के दोनो पहलुओं को सुक्ष्म तरीके से आकलन करने में सक्षम होते हैं। ये लोग बेहद सामाजिक होते हैं।
इस राशि के जातक अपने गुणों का इस्तेमाल करना जानते हैं। ये लोग नेतृत्वशील होते हैं और दुसरो को यह पता नहीं चलने देते हैं कि ये उनपर ध्यान रख रहे हैं। ये संवेदनशील तो होते ही हैं लेकिन उससे ज्यादा व्यवहारिक होते हैं साथ ही अपने उपर भावनाओं को हावी नहीं होने देते हैं। इस राशि के जातक में बहुत संयम होता है जो विपरीत से विपरीत परिस्थिति में भी खुद को नियंत्रित रख सकते हैं। ये लोग न्यायप्रिय भी होते हैं।
तुला राशि के जातक कुशल रणनीति बनाने वाले होते हैं, इनमें कूटनीति भी भरी होती है। इन्हें टकराव से बचकर रहना पसंद होता है। किसी भी विवाद को बातचीत के द्वारा सुलझाने का हुनर इनमें होता है। इस राशि के लोग मौका देख कर समझौता करने में विश्वास रखते हैं। इस राशि के लोगों को कोई भी निर्णय जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए।
तुला- रुचियाँ/शौक
तुला राशि के जातको को वाहन का बहुत शौक होता है। इन्हें हरियाली पसंद होती है लेकिन ये महंगे पौधे लगाने का शौक रखते हैं। इन्हें पर्वतारोहण और जंगलों में जाना भी पसंद होता है। इस रहस्य के जातक छुट्टियां मनाना, नृत्य, खेल आदि जैसी रुचियां भी रखते हैं।
तुला- कमियां
- तुला राशि के लोग अन्य लोगों के समक्ष खुद को छोटा अनुभव करते हैं जिसकी वजह से उन्हें कभी-कभी आलोचना का शिकार होना पड़ता है।
- इस राशि के जातक भावुक होते हैं और प्रायः उनकी भावुकता उन्हें धोखा दे जाती है।
- इस राशि के लोग न्याय, जनस्वतंत्रता, जनाधिकार और सौंदर्य से लगाव रखते हैं। कभी-कभी इस कारण उन्हें निराशाओं का सामना करना पड़ता है।
- तुला राशि का जातक अधिकांश समय चिंतामग्न रहता है।
- तुला राशि से जुड़े जातक वकीलों, विद्वानों एवं धार्मिक क्षेत्र में नामी लोगों से शत्रुता रखते हैं।
- इस राशि का व्यक्ति स्वयं अपने लिए संकट उत्पन्न करता है और अपनी मृत्यु का कारण भी स्वयं ही बनता है।
- इन कमियों को दूर करने के लिए हिन्दू पद्धति में तुला राशि के जातकों के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं, जैसे- कष्ट के समय रामरक्षा, गायत्री जप, रामभजन या फिर सत्संग करें और माणिक्य या हीरे में से कोई भी एक रत्न धारण करें।
- अपने दुखों को दूर करने के लिए आप शंकर, हनुमान, देवी, दत्त या कुल देवता की उपासना और उनका स्मरण करें।
- तुला राशि के लोगों के लिए सफेद वस्तुओं का दान और शुक्रवार का व्रत हमेशा लाभकारी रहता है। सफेद वस्त्र, सफेद पुष्प, चावल, मिश्री, दूध, सुगन्ध, दही, श्वेत चंदन आदि का दान करना शुभ और फलप्रद है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः’ मंत्र का 1600 बार जाप करें और जल्दी सफलता पाने के लिए इसी मंत्र का 6400 बार जाप करना फायदेमंद रहेगा।
तुला- आर्थिक पक्ष
तुला राशि के लोग व्यापार के क्षेत्र में आगे जाते हैं। अपने इस गुण के कारण ये लोग जिस भी क्षेत्र में व्यापर या व्यवसाय आरंभ करते हैं, उस क्षेत्र में उन्हें शीघ्र ही धन एवं प्रतिष्ठा दोनों की प्राप्ति होती है। इस राशि के जातक का आर्थिक पक्ष ठीक रहता है। इस राशि के लोग खर्चीले, और विदेशों में भ्रमण करने वाले होते हैं। अगर आर्थिक रूप से देखें तो इनका जीवन श्रेष्ठ रहता है और इन्हें धन की कमी कभी नहीं रहती है। कमी होने पर किसी न किसी तरह से उसकी पूर्ति हो जाती है।
तुला- शिक्षा एवं व्यवसाय
तुला राशि के जातक यदि साहित्य, वकालत, चिकित्सा, प्रबंधन, संगीत, नृत्य, चित्रकारी, टेलरिंग, क्राफ्टिंग, आदि जैसे विषयों में अध्ययन करें तो वे विशेष सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
इस राशि के जातक अच्छे व्यापारी होते हैं। इसीलिए ये लोग व्यवसाय के क्षेत्र में काफी सफलता प्राप्त करते हैं। तुला राशि के लोग लोहा, सोना, शराब, तंबाकू, पान, आदि का व्यापार कर विशेष लाभ उठा सकते हैं। अगर व्यवसाय की बात करें तो जिन वस्तुओं को जिन्हें सामाजिक दृष्टि से हीन समझा जाता है उनके व्यवसाय से भी ये लोग लाभ कमाते हैं। इस राशि का जातक भट्टे के काम में भी सफल रहता है। अगरबत्ती, इत्र, परफ्यूम आदि जैसे सुगंध निर्माण से जुड़े व्यवसाय करने पर भी विशेष लाभ प्राप्त होता है। इन राशि के लोगों द्वारा किए गए सभी कार्यों को प्रायः जन-समर्थन प्राप्त होता है।
वृश्चिक
वृश्चिक- शारीरिक बनावट
- वृश्चिक राशि के जातकों के हाथ की बनावट को देखें तो इनकी हथेली चपटी होती है। जबकि इनका हाथ लंबा और कम चौड़ा होता है।
- इनकी उंगलियां मोटी होती हैं। इस राशि के जातक का अंगूठा छोटा, दृढ़ता और हठ को दर्शाता है।
- इनके नाक, वक्षस्थल, इंद्रिय या अंगुली पर तिल का चिन्ह होता है।
- इस राशि की लड़कियों के नयन-नक्ष तीखे होते हैं। अधिक सुंदर न होने पर भी ये हर जगह आकर्षण का केंद्र बन जाती हैं।
- आमतौर पर इस राशि के जातक तीखे नैन-नक्श वाले और इनकी आवाज़ में ख़राश (हस्की वॉयस) होती है।
- इनकी आँखें मुंदी हुई होती हैं।
- इस राशि के व्यक्ति की गर्दन छोटी, होंठ पतले और बाल भूरे रंग के होते हैं।
- इनके गाल की हड्डियां चपटी एवं माथा वर्गाकार होता है।
- धड़ की तुलना में इनके हाथ छोटे होते हैं।
- शारीरिक संरचना के अनुसार ये आत्मविश्वासी दिखते हैं।
वृश्चिक- व्यक्तित्व
वृश्चिक राशि के लोग बहुत संवेदनशील होते हैं। ये लोग भीतर से कोमल और बाहर से कठोर होते हैं। इस राशि के जातक जीवन में कीर्तिमान बनाते हैं और इनको आसानी से नहीं हराया जा सकता है। वृश्चिक राशि के लोग किसी भी स्थिति में सामने वाले पर अपना प्रभाव अवश्य छोड़ते हैं। इनके शत्रुओं की तादात अधिक होती है लेकिन इनका कोई भी शत्रु इन्हें हानि नहीं पहुंचा पाता है। वृश्चिक राशि वाले ज्यों का त्यों देने में विश्वास रखते हैं।
इस राशि के जातक सिद्धांतों के लिए संघर्ष करने वाले होते हैं। इन्हें परम्पराओं से ज्यादा प्रेम या लगाव नहीं होता है। अगर इनकी प्रकृति की बात करें तो ये लोग चुनौती देने वाले एवं महत्वाकांक्षी होते हैं। इनकी रुचियां और अरुचियां चरम सीमा की होती हैं। ये उन व्यक्तियों के लिए खरे सिद्ध होते हैं जो बेईमान या लोगों का अपमान करता है। इन्हें हमेशा स्पर्श जनित रोग होने का डर रहता है।
वृश्चिक राशि वाले शक्ति के प्रशंसक होते हैं। इस राशि के जातक भयंकर प्रतियोगी होते हैं। इन्हें दूसरों के कष्ट और कठिनाइयों के लिए भी सहानुभूति होती है। ये लोग अपने प्रबल व्यक्तित्व के कारण अपने शत्रु या प्रतिद्वंद्वी को झुका देते हैं। वृश्चिक राशि के लोग निपुण, धैर्यपूर्ण, विचारों के पक्के और किसी की राय न मानने वाले होते हैं। ये लोग बिना किसी कारण के संघर्ष में पड़ जाते हैं।
इस राशि के जातक अच्छे संगठनकर्ता, प्रभावशाली नेता और पराक्रमी योद्धा होते हैं। इन्हें राजनीति के क्षेत्र में काफी सफलता मिलती है। यह अपने संकल्प को पुरा करने के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार रहते हैं।
वृश्चिक- रुचियाँ/शौक
वृश्चिक राशि के लोग अपने शौक के बारे में सजग रहते हैं। इन्हें महंगी कारें और विशेष तरह की डिज़ाइन वाले आभूषण बेहद आकर्षित करते हैं। इनकी रूचि स्वादिष्ट भोजन में रहती है। इस राशि के जातकों को रोमांस और गुनाह पर उपन्यास आदि पढ़ना पसंद होता है।
वृश्चिक- कमियां
- वृश्चिक राशि के जातकों की सबसे बड़ी कमजोरी यह होती है कि वे अपने अन्दर के साहस का इस्तेमाल करने से और सीधा हमला करने से डरते हैं। हालाँकि अपने साहस का प्रयोग करने की बजाय ये अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए व्यापक और चालाक योजनाएं बनाते हैं |
- बुद्धिमता की कमी के कारण वृश्चिक राशि के लोग खुद अपने लिए समस्या उत्पन्न कर लेते हैं।
- इस राशि वाले जातक अपनी उपेक्षा सहन नहीं कर पाते हैं। यदि एक बार ये किसी से क्रुद्ध हो जाए तो उसे माफ़ करना नहीं करते हैं।
- ये लोग ऊपर से दिखने में शांत होते हैं लेकिन इनके मन में बदला लेने की भावना छिपी होती है जो कि अवसर मिलते ही ये अपने शत्रु पर निर्दयता से चोट कर देते हैं या उसे अन्य तरीकों से हानि पहुंचाने की कोशिश करते हैं।
- इन कमियों को दूर करने के लिए हिन्दू पद्धति में वृश्चिक राशि के जातकों के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं, जैसे- कष्ट होने पर हनुमान चालीसा और रामायण का पाठ करें तथा महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र और रामनाम का जाप कर सकते हैं।
- अपने दुखों को दूर करने के लिए आप मंगलवार का उपवास करें या फिर “मूंगा” रत्न धारण करें। इसके अलावा आप अनंतमूल की जड़ को पहन सकते हैं।
- वृश्चिक राशि के जातक अपनी कमियों को दूर करने के लिए मंगलवार को गेहूं, मसूर, गुड़, लाल वस्त्र, तांबा, लाल कनेर के फूल और लाल वस्तुओं का दान कर सकते हैं। आपके लिए हनुमानजी की उपासना भी लाभदायक रहेगी।
- मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ‘ॐ क्रां क्रीं, क्रौं सः भौमाय नमः’ मंत्र का 10,000 बार जाप करें।
वृश्चिक- आर्थिक पक्ष
वृश्चिक राशि वाले जातक जो चाहते हैं उन्हें वो अवश्य मिलता है भले ही उसमें थोड़ी देरी हो सकती है। इनके पास धन की कमी नहीं होती है अर्थात यदि मौके पर खर्च करने की आवश्यकता पड़ जाए तो इनकी नाक बच जाती है। इस राशि के लोग उचित मार्ग द्वारा धन कमाकर अपना जीवन चलाने में विश्वास रखते हैं।
वृश्चिक- शिक्षा एवं व्यवसाय
वृश्चिक राशि वाले छात्रों को अध्ययन के क्षेत्र में चिकित्सा, ज्योतिष, विज्ञान, प्रबंधन, वाणिज्य, राजनीति शास्त्र आदि विषयों का चयन करना ठीक रहता है। अगर व्यवसाय की बात करें तो वृश्चिक राशि वाले क्रय-विक्रय, औषधि, इलेक्ट्रिक यंत्र, रसीले पदार्थ एवं तेल आदि से जुड़े व्यवसाय कर सकते हैं। इनको विदेश व्यापार, आयात-निर्यात में विशेष सफलता मिलती है।
धनु
धनु- शारीरिक बनावट
- धनु राशि के व्यक्ति बहुत शरीर से मजबूत और लंबे होते हैं।
- इनके बाल घने और आँखें बेहद चमकीली होती हैं, जो कि इन्हें बहुत आकर्षक बनाती है।
- धनु राशि के लोगों के हाथ उनके धड़ से बड़े होते हैं और नाक सामान्य से थोड़ी बड़ी होती हैं। इस राशि के लोगों के आगे के दांत भी काफी बड़े होते हैं।
- इस राशि के जातकों के चेहरे, भुजा, पेट या छाती पर तिल का निशान होता है।
- धनु राशि वालों की हथेली उंगलियों से बड़ी होती है। इनका हाथ आधार से चौड़ा और उंगलियों की ओर संकरा होता है।
- इनकी उंगली, घुटने या पैर में चोट का निशान हो सकता है।
- इस राशि के लोग अधिक भोजन करने की वजह से अधेड़ उम्र में ही अपना वज़न बढ़ा लेते हैं।
- इस राशि के लोगों की आवाज़ मन को बहुत भाती है।
धनु- व्यक्तित्व
धनु राशि के जातक किसी भी चीज़ या किसी भी व्यक्ति पर जल्दी विश्वास नहीं करते हैं। ये लोग जन्मजात जिज्ञासु प्रवृति के होते हैं और अपनी तर्क बुद्धि से ये दूसरों के व्यवहार का विश्लेषण करते रहते हैं। अपने अधिक बोलने की आदत और दुसरो को जानने समझने के चक्कर में कभी-कभी ये ऐसे सवाल पूछ बैठते हैं जो सामने वाले को शर्मिन्दा कर सकते हैं या ठेस पंहुचा सकते हैं। ये लोग सत्य को जानने ,समझने और उनका अध्ययन करने के लिए कितनी भी कड़ी मेहनत कर सकते हैं। इन्हें जटिल शिक्षा पद्दति और औपचारिक प्रशिक्षण लेना बिलकुल अच्छा नहीं लगता हैं। इस राशि के जातक तो होते हैं पर साथ ही शंकालु भी होते हैं। इन्हें बंध कर रहना पसंद नहीं होता, ये अपनी ज़िन्दगी स्वंत्रत रूप से जीना चाहते हैं।
धनु- रुचियाँ/शौक
धनु राशि के लोगों को उपन्यास, नाटक आदि पढ़ना पसंद होता है। इनको मीडिया में खासतौर से टेलीविजन पर आना भी पसंद है। इनकी रुचि विभिन्न प्रकार के परिधानों में रहती है। पर्यटन की ओर इनका विशेष झुकाव होता है। मुख्य तौर पर धनु राशि के लोगों में वे रुचियां ही होती हैं, जिनमें इन्हें अपना बहुमूल्य समय ज्यादा खर्च नहीं करना पड़े। ये लोग क्रिकेट, ताश, टेनिस, सिनेमा आदि के शौकीन रहते हैं। घुड़सवारी, टहलना और शिकार करना भी इन्हें बहुत अच्छा लगता है। इस राशि के जातक खुली जगह में रहना पसंद करते हैं।
धनु- कमियां
- धनु राशि के जातकों को बहुत जल्दी और बहुत ज्यादा गुस्सा आ जाता है।
- इस राशि के लोग खाने और शराब पीने के मामले में बहुत लापरवाह होते हैं, जिसकी वजह से इन्हें मोटापा और शराब की लत लग सकती है।
- इन्हें पारिवारिक संबंधों में बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं होती है। यहाँ तक कि ये अपने खून के रिश्तों से भी दूर रहने की कोशिश करते हैं।
- धनु राशि के लोग बेहद ही खर्चीले होते हैं।
- इनमें अभिमान पाया जाता है, जो कि इनके लिए महान शत्रु सिद्ध होता है।
- इनका कोई भी चुनाव बुद्धिमत्तापूर्ण नहीं होता।
- सतर्कता और सावधानी से काम न लेने के कारण ये कई बार मुसीबतों में फंस जाते हैं।
- इन कमियों को दूर करने के लिए हिन्दू पद्धति में धनु राशि के जातकों के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं, जैसे- ईश्वर, दत्त, शिव, हनुमान और अन्य इष्ट देवता की भक्ति करनी चाहिए।
- इनके लिए सूर्य मंत्र की पूजा भी फलदायिनी होती है। साथ ही इन्हें गुरुवार या शनिवार का उपवास भी करना चाहिए। विशेषकर गुरुवार का व्रत सदैव लाभप्रद रहता है।
- धनु राशि के जातक अपनी कमियों को दूर करने के लिए “पुखराज” या “माणिक्य” या अलेक्ज़ेंड्रा का रत्न पहनना चाहिए। या फिर आप भारंगी की जड़ या खिरनी के वृक्ष की जड़ भी अपने पास में रखना चाहिए। इससे जातक के कष्ट अवश्य ही दूर होते हैं।
- अपने दुखों को दूर करने के लिए कांसा, चने की दाल, खांड, घी, पीला वस्त्र, पीला पुष्प, हल्दी, पुस्तक, घोड़ा, पीला फल आदि का दान लाभदायक है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः बृहस्पतये नमः’ मंत्र का 19,000 जाप करें।
धनु- आर्थिक पक्ष
धनु राशि वालों को पैसा कमाने और उसे खर्च करने में बहुत आनंद मिलता है। इस राशि के जातक पैसा कहाँ से अर्जित करेंगे इस बात कि ज्यादा चिंता नहीं करते। वैसे देखा जाये तो इनके पास खर्चों की हमेशा लम्बी लिस्ट होती है, जिसकी वजह से इनका पैसा नहीं बच पाता है। इनके जीवन में एक बार किसी बड़े खर्च का मौका भी जरूर आता है। ये लोग अपने धन को उन्हीं कार्यों में खर्च करते हैं, जिनसे इन्हें यश प्राप्त हो सके।
धनु- शिक्षा एवं व्यवसाय
धनु राशि वाले जातकों को शिक्षा के क्षेत्र में चिकित्सा विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान, विज्ञान विषयों, प्रबंधन आदि में मुख्य रूप से अध्ययन करना चाहिए। इन खस्तेरों में इन्हें जल्दी सफलता मिलती है। अभिनय और कला का ज्ञान अर्जित करने पर भी इनकी उन्नति होती है। ये लोग हर चीज अध्ययन, प्रयोग एवं यात्रा की मदद से सीखना चाहते हैं। इस राशि के जातक रचनात्मक और बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। इन लोगों के विचार रोचक और रचनात्मक होते हैं|
व्यवसाय के क्षेत्र में ये लोग वो कार्य करना पसंद करते हैं जिसमे इन्हें यात्रा करने और अपना ज्ञान साझा करने को मिले। धनु जातक के लोग अच्छे यात्रा लेखक, प्रेरक वक्ता, यात्रा गाइड, ट्रैवल एजेंट आदि बन सकते हैं। ये लोग प्रभावशाली राजनेता, मानव संसाधन प्रबंधक, एनजीओ कार्यकर्ता, शिक्षक, दार्शनिक, कार्यकर्ता, चिकित्सक, डॉक्टर आदि बन सकते हैं। है।
मकर
मकर राशि का चिन्ह
मकर राशिफल के मुताबिक राशि चक्र में मकर राशि का स्थान दसवाँ है। यदि इसके प्रतीकात्मक रूप की बात करें तो हिन्दू संस्कृति के अनुसार मकर एक जलीय जीव है। हालाँकि इसके शरीर के आधे भाग में स्थलीय एवं आधे भाग में जलीय जीवों (हिरण, मगरमच्छ, हाथी, मछली की पूँछ आदि) का चित्रण देखने को मिलता है। वैदिक साहित्यों में मकर को माँ गंगा का वाहन बताया गया है। वैदिक ज्योतिष में मकर राशि का स्वामी शनि ग्रह है। यह पृथ्वी तत्व की राशि है। इसके स्वभाव के कारण इसे चर राशि की श्रेणी में रखा गया है।
मकर राशि वालों की शारीरिक संरचना
- मकर राशि के जातक शरीर से दुबले होते हैं
- मकर राशि के जातकों की लंबाई औसत होती है
- माथा सामान्य रूप से बड़ा होता है
- किसी-किसी के दाँत लंबे होते हैं।
- भोहें और छाती में लंबे बाल होते हैं।
- व्यक्तित्व में परिपक्वता नज़र आती है।
- देखने में वैज्ञानिक या दार्शनिक की तरह लग सकते हैं
मकर राशि के जातकों का व्यक्तित्व
मकर राशिफल के अनुसार मकर राशि के जातक आत्म-केंद्रित होते हैं। इस राशि के व्यक्ति स्वभाव से थोड़े जिद्दी भी हो सकते हैं। ये जातक दूसरों की अपेक्षा अपनी बातों को प्रमुख रूप से रखते हैं। इसके साथ ही इन जातकों में अच्छी संगठनात्मक क्षमता होती है। ये काम के प्रति जूनूनी, भौतिकवादी, रूढ़िवादी और अधिकार को सम्मान देने वाले होते हैं। मकर राशि वाले अधिक महत्वाकांक्षी, गंभीर और काम के प्रति समर्पित रहते हैं।
साथ ही आप आत्म अनुशासित और व्यवहारिक प्रकृति के भी होते है। हालाँकि समय-समय पर ख़ुद को असहाय समझते हैं। मकर राशि के जातक तर्कवादी होते हैं, इसलिए वाद-विवाद प्रतियोगिता में ये अग्रणी रहते हैं। इनकी सबसे विचित्र बात यह है कि ये लोग ख़ुद को धार्मिक दिखाने का प्रयास करते हैं। परंतु वास्तव में ऐसा होता नहीं है। सामाजिक कार्यों में आप बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। मकर राशि के जातकों के लिए आत्मसम्मान का विषय सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है।
कुम्भ
कुंभ राशि का चिन्ह
कुंभ राशिफल के अनुसार, कुंभ भचक्र की ग्यारहवीं राशि है। इस राशि का प्रतीक चिह्न घड़ा है। दरअसल कुंभ एक संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ कलश अथवा घड़ा होता है। इसलिए घड़ा के रूप में कुंभ राशि को दर्शाया जाता है। वैदिक ज्योतिष में कुंभ राशि का स्वामी शनि ग्रह है और यह पंच तत्वों (पृथ्वी, जल, आकाश, वायु, अग्नि) में वायु तत्व की राशि है। कुंभ को स्थिर स्वभाव की राशि कहा जाता है।
कुंभ राशि वाले जातकों की शारीरिक संरचना
- कुंभ राशि के जातक पतले और लम्बे कद के होते हैं
- चेहरा बड़ा, गर्दन, पीठ, पेट, कमर, जांघ और पैर लम्बे होते हैं
- कुंभ राशि के जातक लम्बे और घने बालों वाले होते हैं
- जातकों का चेहरा सुंदर होता है तथा चेहरे से गंभीरता झलकती है
- जातकों की आँखे चमकदार होती हैं
- इनके व्यक्तित्व से किसी प्रकार का दिखावा नहीं झलकता है
कुंभ राशि के जातकों का व्यक्तित्व
कुंभ राशिफल के अनुसार, कुंभ राशि के जातक थोेड़े शर्मीले स्वभाव के होते हैं, इसलिए इनमें संवाद करने की प्रबल इच्छा नहीं पायी जाती है। ये जातक संवेदनशील होते हैं। इसी कारण दूसरों के विचारों के प्रति आपकी संवेदना प्रमुख रूप से दिखाई देती है। हालाँकि कई बार ऐसा भी होता है कि ये जातक दूसरों को सुनना पसंद नहीं करते हैं।
कुंभ राशिफल के मुताबिक, इस राशि के जातकों की इच्छाशक्ति प्रबल होती है। यदि इनकी नज़रों में कोई बात सही है तो ये उसे सही ठहराने में अंतिम क्षणों तक लड़ने के लिए तैयार रहते हैं। आपकी दूर की दृष्टि पैनी होती है और आप लोगों का मार्गदर्शन करते हैं। कुंभ राशि के व्यक्तियों में एक बात ग़ज़ब की होती है। ये जातक अपने दोस्तों का बहुत ख्याल रखते हैं।
मीन
मीन राशि का चिन्ह
मीन राशिफल के अनुसार, मीन भचक्र की बारहवीं और अंतिम राशि है। इस राशि का चिन्ह मछली है। मीन संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ मछली होता है। इसलिए इस राशि का चिन्ह भी मछली है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मीन द्विस्वभाव राशि है और गुरु बृहस्पति इस राशि के स्वामी हैं। यह पंच तत्वों (पृथ्वी, आकाश, जल, वायु और अग्नि) में जल तत्व की राशि है।
मीन राशि वालों की शारीरिक बनावट
- मीन राशि वाले जातकों का कद औसत होता है
- इस राशि के जातकों व्यक्तित्व सामान्य नज़र आता है
- मीन लग्न के जातक अक्सर मोटे होते हैं
- मीन राशि वाले लोगों की आँखें सुंदर होती है
- इस राशि के जातकों के कान, गले, भुजा या पैर में तिल होता है
मीन राशि के जातकों का व्यक्तित्व
मीन राशिफल के मुताबिक मीन राशि के जातकों का व्यक्तित्व रहस्यमयी होता है। ये जातक संवेदनशील और दूसरों के विचारों की कद्र करने वाले होते हैं। इनके अंदर बहुमुखी प्रतिभा होती है और अपनी इसी कला के कारण इन्हें समय-समय पर उसका लाभ भी प्राप्त होता है। इस राशि के जातक विश्वास योग्य होते हैं। लेकिन विचारों में सकारात्मक और नकारात्मक सोच का मिश्रण दिखाई देता है। मीन राशि के जातक स्वभाव से धार्मिक होते हैं। इनकी सबसे ख़ास बात यह होती है कि ये बुद्धिजीवी होते हैं। ये जातक काफी उदार स्वभाव के होते हैं। हालाँकि कुछ मामलों में ये रूढ़िवादी हो जाते हैं। ये अक्सर कल्पनाशील और संकोची मानसिकता के होते हैं।
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